हम सबके प्रिय 'नेता जी सुभाष चन्द्र बोस' जी ने 25 मार्च 1942 को 'बर्लिन' से 'आजाद हिंद रेडियो' के माध्यम से जनमानस को संबोधित करते हुए भारत विभाजन के लिए प्रयत्नशील अंग्रेजी षड्यंत्रों को ऐतिहासिक उदाहरण के साथ बताने का प्रयास किया था..... नेता जी ने बार-बार आने वाले संकट पर तत्तकालीन शीर्ष नेतृत्व को आगाह करने का प्रयास किया। उन्होंने अंग्रेजी षड्यंत्रों के प्रति जो चिंता जाहिर की थी, वह भविष्य में उसी रूप में हमारे सामने उपस्थित हुई और उसका परिणाम हमें भारत विभाजन के रूप में देखने को मिला......!
नेता जी ने रेडियो के माध्यम से जो संदेश दिया था.... उनमें से कुछ महत्वपूर्ण विषय जिन पर नेता जी ने विशेष ध्यानाकर्षण का प्रयास किया था,वह कुछ इस प्रकार हैं......
1. "मैंने व्रिटिश सरकार के आफर तथा उस संबंध में क्रिप्स महोदय के भाषण का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया। उसके अध्ययन के उपरांत मुझे यह विश्वास हो गया कि क्रिप्स भारत में व्रिटिश साम्राज्यवाद की पुरानी नीति 'फूट डालो और शासन करो' को कार्यान्वित करने के लिए एक बार फिर प्रयत्न करने जा रहे हैं। भारत में ऐसे बहुत से लोग हैं जो क्रिप्स से यह आशा नहीं करते...!
2. व्रिटेन ने अपने साम्राज्य के अन्य भागों में उदाहरण के लिए आयरलैंड और पैलेस्टाइन में लोगों में भेद डालने के लिए धार्मिक प्रश्न का उपयोग किया। भारत में भी उसी उद्देश्य से व्रिटेन न केवल धार्मिक प्रश्न को कार्य में ला रहा है वरन् अन्य साम्राज्यवादी हथियार,जैसे भारतीय नरेशों और दलित वर्गों का उपयोग कर रहा है। साम्राज्यवाद के इन्ही औजारों को साम्राज्य के हित में काम में लाने के लिए क्रिप्स भारत आये हैं....।
3. क्रिप्स जहां एक प्रकार के राजनीतिज्ञों से वार्तालाप कर रहे हैं वहीं निडर और समझौता विरोधी स्वतंत्रता योद्धाओं को जेल में बंद कर रहे हैं.....। मुझे विश्वास है भारतीय जनता व्रिटिश राजनीतिज्ञों की इस घृणित राजनीति को समझेगी.....।
4. प्रस्ताव की शर्तों और क्रिप्स के भाषण तथा मैनचेस्टर गार्जियन जैसे पत्रों की टिप्पणियों से स्पष्ट है कि व्रिटिश सरकार की वास्तविक इच्छा भारत को अनेक राज्यों में बांट देने की है,जिस तरह पिछले महायुद्ध के अंत में आयरलैंड को बांट दिया गया.....।"
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